Details, Fiction and sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति ।
यस्तु कुञ्जिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।
ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।
मारणं मोहनं वश्यं स्तंभनोच्चाटनादिकम् ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
मौसम मुंबई का मौसमजयपुर का मौसमनई दिल्ली का मौसमलखनऊ का मौसमनोएडा का मौसम
जाग्रतं हि महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
Something that needs to be noted is usually that this type of way needs really hard Sadhna and Sacrifice from someone. At the same time, the detrimental result from the slightest oversight is The explanation that Tantrik methods of achieving God here are frequently said being avoided.